खुद के विश्व रिकॉड को बेहतर करने उतरेंगी भारोत्तोलक मीराबाई चानू

मीराबाई चानू ने कहा, 'राष्ट्रमंडल खेल मेरे लिए आसान होंगे। मैं खुद से ही लडूंगी।'

Update: 2022-06-27 10:07 GMT

मीराबाई चानू

जानी-मानी भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू राष्ट्रमंडल खेलों में प्रबल दावेदार के रूप में अपनी शुरुआत करेंगी। अगले महीने होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए उनका कहना है कि उनका मुकबला विरोधी खिलाड़ी से नहीं बल्कि खुद से होगा। बता दें चानू का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 207 किग्रा. का है जो नाइजीरिया की स्टेला किंग्सले से काफी अच्छा है जो चानू बहुत करीब से टक्कर देती हैं और वह अब तक 168 किग्रा. का ही वजन उठा पाई हैं।

पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में मीराबाई चानू ने स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक और एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक के साथ एक विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।

दमदार वेटलिफ्टर मीरा बाई चानू का कहना है कि बर्मिंघम में उनकी असली प्रतिस्पर्धा अपनी प्रतिद्वंद्वियों से नहीं बल्कि खुद से होगी।

चानू ने कहा, 'राष्ट्रमंडल खेल मेरे लिए आसान होंगे। मैं खुद से ही लडूंगी।'

उन्होंने एनआईएस पटियाला में बात करते हुए कहा, 'राष्ट्रमंडल खेलों में इतनी प्रतिस्पर्धा नहीं होगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसमें कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होगी। भविष्य के टूर्नामेंट को देखते हुए मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।' प्रतिस्पर्धा ज्यादा नहीं होगी तो चानू ने दिमाग में बड़ा लक्ष्य तय है जिसको लेकर वह खुद को तैयार कर रही हैं। 119 किग्रा के अपने ही क्लीन एवं जर्क विश्व रिकॉर्ड को सुधारना चाहेंगी।

राष्ट्रमंडल खेलों के 2014 में रजत और 2018 में स्वर्ण पदक जीतने वाली इस खिलाड़ी ने कहा, 'मैं राष्ट्रमंडल खेलों में 120 किग्रा. का प्रयास करने का विचार कर रही हूं।' यह पूर्व विश्व चैंपियन स्नैच में 90 किग्रा में भी सुधार करना चाहती है। मीरा मानती हैं कि यह उनके लिए मानसिक रूप से थोड़ा चुनौतीपूर्ण होगा। आगे उन्होंने कहा, 'हां, यह मानसिक चुनौती है। हमने राष्ट्रमंडल खेलों में 91 किग्रा. या 92 किग्रा उठाने की योजना बनाई है। उम्मीद है कि ऐसा होगा।'

हालांकि चानू के लिए यह बेहद ही मुश्किल होगा, उनके लिए अपने शरीर से दुगना वजन उठाना आसान नहीं है खासकर तब जब वह अपने कंधे के संतुलन को लेकर अब भी जूझती हैं। इस महीने के शुरू में वह अपने स्नैच वजन को सुधारने में असफल रही, वह अपनी पीठ के कारण घरेलू प्रतियोगिता में दो बार 89 किग्रा का वजन उठाने में असफल रहीं।

इसको लेकर उन्होंने कहा, 'मेरी पीठ इससे दो तीन दिन पहले जकड़ गयी थी। नागरोटा की यात्रा भी 5 घंटे की थी। हम टूर्नामेंट से एक दिन पहले ही पटियाला से चंडीगढ़ गये थे, फिर चंडीगढ़ से उड़ान ली थी जो लेट थी। इसलिए पीठ और जकड़ गई थी।'

वहीं स्नैच में अपनी कमजोरी से वाकिफ चानू ने अपनी तकनीक में थोड़े बदलाव पर काम किया है जो उनके लिए फायदेमंद साबित होगा।

उन्होंने कहा, 'मैं 88 किग्रा. से ऊपर नहीं गई हूं। मैंने इतना ही वजन तय किया है लेकिन ट्रेनिंग के हिसाब से देखूं तो मैं ओलंपिक की तुलना में अब काफी बेहतर हूं। एक प्रतियोगिता में 90 किग्रा. का वजन उठाने के लिये हमने 80 से 90 किग्रा. का वजन तय किया है जिसे हम प्रत्येक दिन निरंतर उठाते हैं। पर ऐसा नहीं है कि हम रोज 90 किग्रा उठाते हैं।'

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