Commonwealth Games 2022: भारत के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं भारोत्तोलक, मीराबाई चानू सहित कई भारोत्तोलक जीत सकते हैं पदक

भारत को सबसे ज्यादा पदकों की उम्मीद भारोत्तोलन से रहने वाली है

Update: 2022-07-20 15:23 GMT

भारतीय भारोत्तोलन टीम 

जुलाई के अंत में शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारत के सभी खिलाड़ियों ने अपनी तैयारियों को अंतिम अंजाम देना शुरू कर दिया है। इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के 200 से अधिक खिलाड़ी शिरकत करने वाले है। इन खेलों में भारत को ज्यादा से ज्यादा पदक की उम्मीदें है। इस बार भारत को सबसे ज्यादा पदकों की उम्मीद भारोत्तोलन से रहने वाली है। जहां प्रतियोगिता में भारत की ओर से मीराबाई चानू जैसी दिग्गज खिलाड़ी मैदान में उतरने वाले है। 

भारत 1990, 2002 और 2018 में भारोत्तोलन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला देश रहा है। राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में इस खेल में भारत 125 पदक के साथ दूसरा सबसे सफल देश है। इन खेलों की भारोत्तोलन स्पर्धा में उससे अधिक पदक सिर्फ आस्ट्रेलिया (159) ने जीते हैं। पिछले कुछ टूर्नामेंट में हालांकि आस्ट्रेलिया का दबदबा कम हुआ है। गोल्ड कोस्ट में 2018 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के भारोत्तोलकों का दबदबा रहा जिन्होंने पांच स्वर्ण सहित नौ पदक जीते। इस साल भी सभी 15 भारोत्तोलक पदक जीतने में सक्षम हैं। इनमें से हालांकि कुछ से ही स्वर्ण पदक की उम्मीद है। 

मीराबाई चानू पर होगी सबकी नजरें


राष्ट्रमंडल खेलों में पूरे भारत की सबसे ज्यादा निगाहें मीराबाई चानू पर रहेगी। चानू राष्ट्रमंडल खेलों में अब तक दो पदक जीत चुके हैं। उन्हें तीसरा राष्ट्रमंडल पदक जीतने के लिए दो वैध भार उठाने होंगे, एक स्नैच में और एक क्लीन एवं जर्क में। चानू की निकटतम प्रतिद्वंद्वी नाइजीरिया की स्टेला किंग्सले का निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सिर्फ 168 किग्रा (72 किग्रा और 96 किग्रा) है। वही क्लीन एवं जर्क में 119 किग्रा के अपने विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने और स्नैच में 90 किग्रा वजन के आंकड़े को छूने पर टिकी होंगी।

युवा भारोत्तोलकों से भी होगी पदक की उम्मीदें 


वही अन्य भारतीय भारोत्तोलकों को हालांकि नाईजीरिया और मलेशिया के भारोत्तोलकों से क्रमश: महिला और पुरुष वर्ग में कड़ी चुनौती मिलेगी। युवा ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता जेरेमी लालरिनुंगा (67 किग्रा) की पदार्पण करते हुए स्वर्ण पदक जीतने की संभावनाओं में इजाफा हुआ है क्योंकि इस वर्ग में खिताब के प्रबल दावेदार पाकिस्तान के ताल्हा तालिब प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पॉजिटिव पाए जाने के बाद निलंबित हैं। वही पदक के दो अन्य दावेदार पदार्पण कर रहे अचिंता श्युली (73 किग्रा) और अजय सिंह (81 किग्रा) हैं। दोनों ने दिसंबर में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। 

इन भारोत्तोलक पर होगी नज़रें 

चानू के अलावा भारतीय दल में पिछले राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता पी गुरुराज (61 किग्रा), अनुभवी विकास ठाकुर (96 किग्रा) और पूनम यादव (76 किग्रा) भी शामिल हैं। भारत पहली बार पूर्णिमा पांडेय (87 किग्रा से अधिक) और गुरदीप सिंह (109 किग्रा से अधिक) के रूप में शीर्ष भार वर्ग में खिलाड़ियों को उतारेगा। राष्ट्रमंडल खेल भारतीय भारोत्तोलकों के लिए पदक जीतने का संभवत: सबसे आसान मंच हैं और देखना यह होगा कि भारत कितने पदक के साथ वापस लौटता है। 

टीम इस प्रकार है : 

महिला : मीराबाई चानू (49 किग्रा), बिंदियारानी देवी (55 किग्रा), पोपी हजारिका (59 किग्रा), हरजिंदर कौर (71 किग्रा), पूनम यादव (76 किग्रा), ऊषा कुमारी (87 किग्रा) और पूर्णिमा पांडे (+87 किग्रा)। 

पुरुष : संकेत सागर (55 किग्रा), गुरुराज पुजारी (61 किग्रा), जेरेमी लालरिनुंगा (67 किग्रा), अचिंता श्युली (73 किग्रा), अजय सिंह (81 किग्रा), विकास ठाकुर (96 किग्रा), लवप्रीत सिंह (109 किग्रा), गुरदीप सिंह (+109 किग्रा) 

Tags:    

Similar News