भारतीय वेटलिफ्टर रवि कुमार कतलू पर लगा चार साल का बैन

Update: 2019-11-05 10:06 GMT

कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 के स्वर्ण पदक विजेता वेटलिफ्टर रवि कुमार कतलू पर राष्ट्रिय एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने चार साल का प्रतिबंध लगाया है। उन्हें नेशनल वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप के दौरान प्रतिबंधित ड्रग लेने का दोषी पाया गया है। इनके अलावा चार अन्य खिलाड़ी पूर्णिमा पांडेय (वेटलिफ्टर), संजीत (धावक), धर्मराज यादव (डिस्कस थ्रो) और गुरमैल सिंह (वेटलिफ्टर) पर भी कार्यवाई हुई है और चार साल का प्रतिबंध लगा है।

उड़ीसा के रवि कुमार का यूरिन टेस्ट फरवरी 2019 में विशाखापट्नम में खेले गये 71वें सीनियर नेशनल वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप के दौरान किया गया था। उनके सैंपल की जांच की गई जिसमें उन पर ओस्टेरिन नामक प्रतिबंधित ड्रग के सेवन की बात सामने आयी है। रवि कुमार और संजीत के सैंपल में ओस्टेरिन का मिलना नाडा के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि पहली बार यह प्रतिबंधित पदार्थ किसी भारतीय खिलाड़ी पर मिला है। यह ड्रग ज्यादातर बॉडी बिल्डरों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सप्लीमेंट्स में पाया जाता है।

भारतीय वेटलिफ्टरों के डोपिंग में शामिल होने के बाद इसका प्रभाव वेटलिफ्टरों के ओलंपिक कोटे में भी पड़ेगा। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने इस संबंध में कुछ नये नियम बनाये हैं। इनके अनुसार साल 2008 से 2020 तक बीस या अधिक डोपिंग उल्लंघन वाले किसी भी देश में सिर्फ एक पुरुष और एक महिला लिफ्टर ही ओलंपिक में हिस्सा ले सकते हैं। इसी अवधि में 10-19 डोपिंग उल्लंघन वाले देश टोक्यो में दो पुरुषों और दो महिलाओं तक सीमित होंगे और भारत इस श्रेणी मे आता है।

टोक्यो ओलंपिक के आयोजन में एक वर्ष से भी कम समय बचा है, ऐसे में यह डोपिंग के खिलाफ चल रहे अभियान के लिए एक बड़ा झटका है। हाल ही में विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने भारत की राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) की मान्यता को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया था। ऐसे में यह भारतीय खेल प्रशासकों के लिए बड़ी शर्मिंदगी बन गई है। आपको बता दें कि एनडीटीएल का निलंबन 20 फरवरी, 2020 तक जारी रहेगा।

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