भारतीय खेल कारोबार तेज़ी से छू रहा आसमान, 2027 तक 5 गुणा बढ़ने का अनुमान

रिपोर्ट के अनुसार, भारत, चीन और जापान के बाद एशिया में खेल के सामान और उपकरणों के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है।

Update: 2022-06-23 10:23 GMT

क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, कब्बड़ी, हॉकी, जेवलिन, तैराकी, कुश्ती, शतरंज जैसे तमाम खेलों में अब भारत के युवा खिलाड़ियों ने अपने खेल से देश का नाम रौशन किया है और आगे भी करते रहेंगे। अपनी काबिलियत और लगन से भारतीय खिलाडिय़ों ने दुनियां में भारत की एक अलग ही पहचान बनाई है।

हमारे देश में खेल के प्रति लोगों का जो जुनून है वो किसी से छिपा नहीं हैं। छोटे बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर उम्र के व्यक्ति की खेल में बहुत रुचि हैं। इसी प्यार और जुनून के कारण भारतीय खेल  कारोबार अब अरबों रूपए वाला कारोबार चुका है, भारतीय स्पोर्ट्स सेक्टर लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा हैं।

ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी ने अपनी एक रिपोर्ट में आने वाले पांच सालों में भारतीय खेल कारोबार में पांच गुना उछाल आने की संभावना जताई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले वर्ष 2027 तक भारतीय खेल का कारोबार 100 अरब डॉलर का हो जाएगा।

आनंद राठी की रिपोर्ट में कहा गया है कि, इसमें से अधिकांश का नेतृत्व इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) कर रहा है, जिसके नौ मिलियन से अधिक दर्शक हैं, जिसका अच्‍छी तरह से व्‍यावसायिक उपयोग किया गया है।

भारतीय स्‍पोर्ट्स मीडिया का साइज भी लगातार बढ़ रहा है, 2020 में स्‍पोर्ट्स मीडिया मार्केट का आकार केवल 1 बिलियन डॉलर था, जिसके 2027 तक 13.4 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

वैश्विक मीडिया अधिकार बाजार 52.1 अरब डॉलर है जहां क्रिकेट का बाजार हिस्सा 2.7 फीसदी से बढ़कर 3.0 फीसदी हो गया है, फुटबॉल की हिस्सेदारी 42 फीसदी पर बरकरार है।

भारत में स्‍पोर्ट्स इंडस्‍ट्री लगातार विकास कर रही है। इसकी ग्रोथ रेट भी काफी अच्‍छी है, हालांकि देश में खेलों के लिए मूलभूत ढांचे में कमी है। खेल उपकरणों और आयोजनों पर भारी टैक्‍स और पैसे तथा प्रबंधन का अभाव इस सेक्‍टर की वो प्रमुख चुनौतियां हैं, जो इसके विकास में आड़े आ रही हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत, चीन और जापान के बाद एशिया में खेल के सामान और उपकरणों के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है। 

बता दें कि भारत का 2020 में खेल से संबंधित सामान के बाजार का आकार 4.5 बिलियन डॉलर का था जो अनुमान अनुसार 2027 तक 6.6 बिलियन डॉलर का हो जाएगा, इसके अलावा भारत खेल परिधान बाजार भी तेजी से विकास कर रहा है।

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